Phir Aayi Hasseen Dillruba: एक बार फिर थाम ले अपने दिलो को क्योकि रानी-रिशु के प्यार और खून का रंग
Phir Aayi Hasseen Dillruba:
साल 2021 में जब फिल्म हसीन दिलरुबा रिलीज हुई। तो इसका कंटेंट अलग नजर आया। हिंदी सिनेमा में कई पल्प फिक्शन कहानियां बनी हैं। अब फिर आए हसीन दिलरुबा में सामने आई हसीन दिलरुबा की कहानी। खैर, हसीन दिलरुबा की रानी (तापसी पन्नू) एक हत्यारी थी। पहले भाग में रानी के साथ विवाहेतर संबंध के कारण नील (हर्षवर्धन राणे) की जान चली गई थी। रानी के पति ऋषभ यानी रिशु (विक्रांत मैसी) ने रानी को बचाने के लिए उसका हाथ काट दिया। अब सीक्वल की कहानी वहीं से आगे बढ़ती है।
फिर आई हसीन दिलरुबा
तापसी पन्नू एक अच्छी एक्ट्रेस हैं। किसी भी भूमिका में फिट बैठ सकते हैं। हालांकि, इस बार रानी का अंदाज या यूं कहें कि इस रोल में जो नमक होना चाहिए था। वह कम नजर आया। विक्रांत मैसी का जादुई अभिनय छूट गया है। क्योंकि उनके किरदार मूल फिल्म जितने सशक्त नहीं हैं।
सनी कौशल अपनी परफॉर्मेंस से आपको हैरान कर देंगे। अब तक सनी को प्रथ का किरदार निभाने का मौका नहीं मिला था। जैसे ही उन्हें यह मिला। उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। जिमी शेरगिल एक छोटी सी भूमिका में अपनी चिर-परिचित भूमिका में हैं। 1980 की फिल्म कुर्ज़ का गाना एक हसीना था… एक दीवाना था… इस सीन को दिलचस्प बनाता है।
‘ना चलन से ना चाल से, आशिक को पहचानो उसके दिल के हाल से,’ ये डायलॉग है 9 अगस्त को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई फिल्म फिर आई हसीन दिलरुबा का. अगर आपने 2021 में रिलीज हुई तापसी पन्नू स्टारर हसीन दिलरुबा देखी है तो ये फिल्म उस ही की आगे की कहानी बताती है. कई नए किरदारों के साथ दिनेश पंडित की कहानियों को आगे ले जाती नजर आई फिर आई हसीन दिलरुबा.
तापसी पन्नू के इस सीक्वल ने दिखाया है कि जरूरी नहीं फिल्मों के सीक्वल हर बार खराब ही हो. कहानी को आगे भी अच्छे से पिरोया जा सकता है और यहां वो हुआ भी है. हालांकि कुछ जगह आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि फिल्म थोड़ी स्लो चल रही है लेकिन आगे आने वाले ट्विस्ट आपको सीट से उठने नहीं देंगे. हम सब जानते हैं हसीन दिलरुबा और फिर आई हसीन दिलरुबा की रानी दिनेश पंडित की किताबों की फैन हैं. लेकिन हो सकता है तापसी पन्नू का डायलॉग “पंडित जी कहते हैं…” आपको बार बार सुनने में अच्छा ना लगे. इस बार फिल्म में इंटीमेट सीन्स पिछली बार के मुकाबले कम देखने को मिली है. कहानी को इस सिरे पर छोड़ा गया है जहां उसे आगे बढ़ाने की गुंजाइश बाकी रहे. फिल्म में किशोर कुमार की आवाज में बज रहा गाना ‘एक हसीना थी’ फिल्म के बेहतरीन हिस्सों में से एक है. पार्ट 1 और पार्ट 2 से ये साफ पता चल रहा है कि ‘फिर आई हसीन दिलरुबा’ के मेकर्स इसके लिए एक लॉयल ऑडियन्स बनाना चाहते हैं जो इसके हर पार्ट की कहानी को याद रखते हुए अगला पार्ट देखना चाहे.
फिर आई हसीन दिलरुबा का डायरेक्शन किया है जयप्रद देसाई ने और फिल्म की राइटर हैं कनिका ढिल्लों. डायरेक्शन और लेखन दोनों ही कमाल के हैं. फिल्म का डायरेक्शन और स्टोरी फ्लो देखकर आपको ये महसूस होता है कि आप किसी किताबी कहानी को स्क्रीन पर देख रहे हैं. दिनेश पंडित की कहानी को असली किरदारों के जरिए कैसे बयान किया जाए ये काम जयप्रद देसाई ने काफी बखूबी किया है.